जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़

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प्रेस विज्ञप्ति

जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ ने कांकेर के आमाबेड़ा में मसीही समाज पर सरकारी संरक्षण में भगवा गिरोह के तांडव की तीखी निंदा की

रायपुर,21 दिसंबर 2025। कांकेर के आमाबेड़ा तहसील के बहतेबेड़ा गांव में हाल ही में मसीही समाज के खिलाफ फासिस्ट संघ परिवार द्वारा आदिवासी समाज को भड़काकर हिंसक हमले ,आगजनी और साम्प्रदायिक बलवा पैदा करने के घृणित कृत्य की जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ ने तीखी निंदा की है।विदित हो कि पिछले 16 दिसंबर को ईसाई धर्म अपना चुके ग्राम के सरपंच राजमन सलाम के 70 वर्षीय पिता की मृत्यु के बाद उनके शरीर को दफनाने को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने सुनियोजित रूप से साम्प्रदायिक तनाव और अशांति पैदा किया।सरपंच राजमन सलाम चाहते थे कि उनके पिता के शव को ईसाई रीति रिवाज से दफनाया जाय।लेकिन इसका प्रबल विरोध संघ परिवार के उकसाने पर आदिवासी समाज के कुछ लोगों ने किया।17 और 18 दिसंबर को शव के दफनाने के बाद फासिस्ट संघ परिवार की ओर से विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने गांव के बाहर से बड़ी संख्या में दंगाइयों को इकट्ठा कर ईसाई समुदाय पर हिंसक हमला किया।आमाबेड़ा तहसील के तीन चर्चों को ध्वस्त किया गया,सरपंच के घर सहित मसीही समाज के कई लोगों के घरों पर तोड़फोड़ कर उन्हें जला दिया गया।महिलाओं सहित कई लोगों पर प्राणघातक हमले किए गए और लोग गंभीर रूप से घायल हुए।फासिस्ट RSS के नेतृत्व में भीड़ इतनी उग्र और हिंसक थी कि बीच बचाव करने वाले कई पुलिस कर्मियों को चोट लगी।अगर भीम आर्मी के कुछ कार्यकर्ता उस दिन पीड़ित सरपंच के साथ नहीं होते तो निश्चित रूप से मसीही समाज के कई लोग मारे जाते।दंगाइयों के क्रोध को शांत करने के लिए शर्मनाक रूप से पुलिस प्रशासन ने मृतक के कब्र को उखाड़ कर लाश को उखाड़ कर अज्ञात स्थान में ले जाया गया है।इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस प्रशासन को पहले से सांप्रदायिक तनाव की आशंका बताए जाने के बावजूद भगवा फासिस्ट गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करने में निष्क्रियता उल्लेखनीय रही।

ज्ञात हो कि पिछले दिनों बस्तर क्षेत्र के कई जिलों में मसीही समाज के कई मृतकों के शव को दफनाने को लेकर संघ परिवार स्थानीय आदिवासियों को भड़काता रहा है और धर्मांतरित आदिवासी ईसाइयों के खिलाफ साम्प्रदायिक तनाव पैदा करता रहा ।न्यायपालिका ने भी इस मामले में पीड़ित मसीही समाज का साथ नहीं दिया और शवों को अपने गांव में न दफनाकर 25 किलोमीटर दूर जाकर दफनाना पड़ा है।
ये घटना ठीक वैसे ही घट रही है जैसे आज से तीन साल पहले कांग्रेस शासन काल में कांकेर और नारायणपुर में फासिस्ट संघ परिवार द्वारा “रोको टोको ठोको अभियान” के तहत सैकड़ों मसीही समाज के लोगों पर हिंसक हमला किया गया था।जिसमें भगवा गिरोह ने कई चर्चों को ध्वस्त किया ,तीन पास्टर को मार दिया ,कई घरों को फूंक दिया,बड़ी संख्या में गांवों से मसीही समाज के लोग जान बचाने जिला मुख्यालय में ठंड के दिनों में अपनी जान बचाने के लिए भागे आए।और तो और भगवा गुंडों ने SP का सर फोड दिया था।उस समय भी कांग्रेस सरकार नर्म हिंदुत्व की नीतियों पर चलते हुए भगवा दंगाइयों के खिलाफ कड़े कदम उठाने में असमर्थ रही।

जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ ने अपने बयान में कहा है कि एक तरफ तो छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार,राज्य के प्राकृतिक संसाधनों को अडानी, जिंदल सरीखे महाभ्रष्ट कॉरपोरेट घरानों के हवाले कर रही है।और जितना राज्य में गरीबी और बेरोजगारी बढ़ रही है उतना क्रूर भाजपा सरकार फासीवादी संघ परिवार के मार्गदर्शन में आदिवासियों,दलितों उत्पीड़ितों महिलाओं और गरीब मेहनतकश जनता पर भीषण दमन कर रही है और साम्प्रदायिक तनाव पैदा कर रही है।वैसे ये नफरती मुहिम तो संघ परिवार के नेतृत्व में पूरे देश में खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ जोर शोर से संचालित है।जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ का कहना है कि आदिवासी समाज को ये भली भांति समझ लेना चाहिए कि उनके दुश्मन निरपराध धर्मांतरित आदिवासी ईसाई नहीं हैं।आदिवासी समाज के दुश्मन उनसे जल, जंगल जमीन को छीनने वाले कॉरपोरेट धन्नासेठ घराने और उनके लठैत देश और राज्य की सत्ता पर काबिज़ नफ़रत और विभाजन के सौदागर संघी मनुवादी फासीवादी ताकतें हैं।प्राचीन काल से आदिवासी भारत के मूल श्रमजीवी और समाज के निर्माता समाज हैं जिन्हें सनातनी ब्राम्हणवादी मनुस्मृति को लागू करने वाले सामंतों और पुरोहित वर्ग ने न तो मानव समझा और न ही हिन्दू ।उन्हीं की विरासत में संघ परिवार,आदिवासियों को उनका सम्मान या वाजिब हक नहीं देकर अपना गुलाम वनवासी कहते और मानते हैं।
जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़,राज्य सरकार से मांग करती है कि वह पुलिस प्रशासन को मनुस्मृति आधारित हिंदुराष्ट्र परियोजना निर्माण में न लगाकर भारत के संविधान का पालन करने को आदेश दे। राज्य सरकार,बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में ईसाई समुदाय को जान माल और शांति से धर्माचरण करने की सुरक्षा प्रदान करे।अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसक मुहिम चलाने वाले और उन्हें खौफ के साए में जीने को मजबूर करने वाले संघ परिवार के भगवा गुंडों पर नकेल कसे और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे।जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ ने राज्य के तमाम प्रगतिशील,लोकतांत्रिक और फासीवाद विरोधी ताकतों से आह्वान किया है कि वे एकजुट होकर RSS नवफासीवादी ताकतों द्वारा अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें।

प्रसाद राव,एडवोकेट शाकिर कुरैशी,लखन सुबोध, कलादास, कॉमरेड सोरा,सविता बौद्ध, जयश्री बौद्ध, नीरा डहरिया और तुहिन

जन संघर्ष मोर्चा छत्तीसगढ़ संयोजक मंडल की ओर से

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