नई दिल्ली. विराट कोहली इनदिनों खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं. बावजूद इसके टीम मैनेजमेंट उन्हें लगातार मौके पर मौका दे रहा है. पिछली 7 पारियों की बात करें तो, वह सिर्फ एक अर्धशतक लगा सके हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज के शुरुआती तीन पारियों में उनके बल्ले से एक हाफ सेंचुरी निकली है जबकि एक बार तो वह खाता भी नहीं खोल सके. अपने घर में लगातार वह स्पिन गेंदबाजों को विकेट देकर चले जा रहे हैं. उनकी सबसे बड़ी कमजोरी अब स्पिन गेंदबाज हैं. विराट जैसे कद वाला बल्लेबाज मौजूदा समय में एक एक रन के लिए जूझ रहा है. तो क्या भारतीय टीम मैनेजमेंट उन्हें ‘रेस्ट’ के बहाने टीम से बाहर नहीं कर सकता. जैसे बाबर आजम के साथ हुआ है. विराट के समकक्ष बताए जाने वाले बाबर आजम को हाल में सेलेक्टर्स ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. बाबर का कसूर भी यही था कि पिछली कुछ पारियों से वह रन नहीं बना पा रहे थे. भारतीय मैनेजमेंट को भी बाबर वाले फॉर्मूले को विराट पर लागू करना चाहिए. क्योंकि अब तो हद हा गई और भद्द भी पिट गई.
विराट कोहली (Virat Kohli) की पिछली 7 टेस्ट पारियों को देखें तो इस दौरान उनका स्कोर 6,17,47, 29, 0, 70 और 1 रन रहा है. न्यूजीलैंड से पहले भारत ने बांग्लादेश को अपने घर पर 2 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए बुलाया था. इस दौरान भारत ने बांग्लादेश को टेस्ट सीरीज में 2-0 से हराया जरूर लेकिन इस दौरान कोहली बल्ले से उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में फ्लॉप रहे. लगा कि बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम के खिलाफ कोहली अपने घर में ‘विराट’ पारी खेलेंगे लेकिन उन्होंने निराश किया. कोहली का बांग्लादेश के खिलाफ स्कोर छह, सत्रह, सैंतालीस और उन्नतीस का रहा. उन्होंने उस सीरीज की चार पारियों में कुल 99 रन बनाए. दरअसल, विराट की खराब फॉर्म यहीं से शुरू हुई.
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‘विराट के करियर का सबसे खराब डिसमिसल था’
न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे में जारी दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में जब टीम इंडिया को कोहली के बल्ले से बड़ी पारी की जरूरत थी तब, वह सिर्फ एक रन बनाकर टीम को मझधार में छोड़कर चलते बने. पहली पारी में उनका खाता भी नहीं खुला. विराट जिस तरह से स्पिन गेंदबाज के खिलाफ एक रन पर क्लीन बोल्ड हुए उसे देखकर रवि शास्त्री को ये कहना पड़ा कि कोहली के करियर का यह सबसे बुरा डिसमिसल रहा. क्योंकि इससे पहले विराट को इस तरह का शॉट खेलते किसी ने नहीं देखा था. कोहली ने जिस तरह फुलटॉस गेंद पर बल्ला चलाया उसे देखकर लगा कि उनके दिमाग में गेंद को छोड़ने और खेलने वाली बात चल रही थी. केएल राहुल अगर एक या दो पारियों में फ्लॉप होते हैं तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता है लेकिन टीम इंडिया के कई स्टार खिलाड़ियों के साथ ऐसा नहीं होता.
विराट ने आखिरी टेस्ट सेंचुरी 596 दिन पहले जड़ी थी
विराट कोहली को टेस्ट में शतक ठोके हुए लंबा अरसा हो गया है. उनके बल्ले से आखिरी शतक 596 दिन पहले निकला था. साल 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ कोहली ने टेस्ट में सेंचुरी जड़ी थी. साल 2020 के बाद से देखें तो टेस्ट में उनका प्रदर्शन फीका रहा है. अगर कोहली इसी फॉर्म में रहे तो भारतीय टीम को अगले महीने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है.
18 पारियों से एक अदद अर्धशतक को तरसे बाबर आजम
अब बात करते हैं पाकिस्तान के पूर्व कप्तान बाबर आजम की. बाबर का रुतबा पाकिस्तानी टीम में विराट वाला है. लेकिन पिछली कुछ पारियों में बल्ले से असफल रहने के बाद बाबर को इंग्लैंड के खिलाफ जारी 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के बाकी बचे दो मैचों से बाहर कर दिया गया. सेलेक्टर्स ने बाबर को टीम से ड्रॉप करने के बाद ‘रेस्ट’ का बहाना बनाया. बाबर आजम पिछली 18 टेस्ट पारियों से अर्धशतक लगाने में नाकाम रहे.
Tags: Babar Azam, Virat Kohli
FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 19:56 IST
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